स्टूल सॉफ्टनर कब्ज से राहत दिलाने में मदद करते हैं।
इसे रात को सोने से पहले गर्म पानी के साथ लें।
गुदा क्षेत्र से खून बहना, दर्द, खुजली, मल रिसाव और बलगम निकलना
इसके अलावा मोटापा या गर्भवती महिलाओं में भी यह होने का खतरा रहता है। इसमें गुदा या मलाशय में मस्से बन जाते हैं, जिनके फूटने पर इनसे खून निकलता है, और दर्द होता है।
बवासीर सभी उम्र और लिंग के लोगों को प्रभावित करता है। लेकिन, यह स्थिति ५० से ६० वर्ष के आयु वर्ग के लोगों में अत्यधिक सामान्य है।
पाइल्स से राहत पाने के लिए खाना सबसे अहम है. डाइट में खूब सारी हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज और दालें शामिल करें.
बवासीर वाली जगह को काटने के लिए स्केलपेल का उपयोग करना।
रात में सोने से पहले एक चम्मच अरंडी का तेल गर्म पानी के साथ लें। यह कब्ज को दूर करता है और मल त्याग को आसान बनाता है।
जेनेटिक कारणों से: कुछ व्यक्तियों में जेनेटिकली बवासीर की समस्या होती है। आनुवंशिकता के कारण ऐसे लोगों की गुदा की नसें कमजोर होती हैं।
वजन प्रबंधन : आहार और व्यायाम के माध्यम से स्वस्थ वजन बनाए रखने से गुदा और मलाशय में नसों पर दबाव कम करता है। इस वजह here से बवासीर के विकास के जोखिम को कम किया जा सकता है।
बवासीर के लिए आयुर्वेद में पंचकर्म एक प्रभावी चिकित्सा पद्धति है।
महिला बवासीर के घरेलू उपाय शामिल कर सकते हैं: फाइबर युक्त आहार की विशेष ध्यान देना, जैसे कि फल, सब्जियाँ, और अनाज। पर्यापन अभ्यास करना और पेट साफ रखना। पानी पीने की अधिक संख्या में ध्यान देना, ताकि पाचन सुधारे और सुखद दस्तावेज हो।
मस्सों को छुए या दबाएं नहीं, नियमित रूप से सफाई करें।
बवासीर को सही डाइट, जीवनशैली और सही चिकित्सा सलाह से पूरी तरह से मैनेज किया जा सकता है — और कुछ मामलों में इसका स्थायी इलाज भी संभव है।